प्यार
इश्क
मोहब्बत
प्रेम
हमें प्यार के बारे में पता हि नहीं होता ' यह कब कहां और कैसे हो जाए ' किसी को इसकी सूचना होने से पहले नहीं मिलती 'अचानक हवा के झोंके मे ' मिली हुई खुशबू की तरह आता है और हमारे धीरे-धीरे रोम रोम में बस जाता है और प्यार हो जाता है ।
हेलो everyone आपका फिर से एक बार मेरे से इस blog में स्वागत है
आज आप मेरा टॉपिक समझ हि गये होगें 'जी हां प्यार । जिसके बारे में हम सब कुछ नही जानते पर जितना भी जानते है। उसे उतना हि खुबसुरत मानते है ।
मैं आप सभी के लिए प्यार के ऊपर लिख रही हूं ' प्यार के ऊपर सब की अलग-अलग राय होती है पर पूरी तरह से प्यार पर व्याख्यान नही मिलता ।
और यह भी सच है कि हम सबको अलग-अलग situation में प्यार होता है ।
किसकी कैसी situation है वह वही जान सकता है ।
और वो सब शायद इसे प्यार का नाम दे देते है ।
इसलिए मैंने सोचा कि मैं प्यार के ऊपर आप लोगों से बातें करू ' मैं प्यार के ऊपर आपको कोई व्याख्यान तो नहीं दूंगी और यह मेरे बस की बात भी नही ।
पर हा आज आपको प्यार से related एक real story बताने जा रही हूं ।
मेरा यह स्टोरी बताने का मकसद सिर्फ यही है कि आप सब डिसाइड करे की प्यार क्या है।
जो सामने वाला हमसे प्यार करता है वह प्यार है या हम जिससे प्यार करते हैं वह प्यार है ।
या फिर वह थर्ड पर्सन जो इस सिचुएशन को समझ ले कि यह दोनों प्यार करते हैं उसे मान लेना प्यार है ।
यह एक सच्ची घटना है
मैं इसमें पात्रों का काल्पनिक नाम दे रही हूँ जिससे किसी की भावनाओं को ठेस ना पहुंचे ।
यह एक लड़की की काहानी है जिसका नाम निशा था जो काफी सुन्दर और चुलबुल लड़की थी वो अपनी आँखो मे बहुत सारे सपने संजा कर लाई थी ये बात 2010 की है जब उस ने बड़वानी के P.G college में addmission लिया था ।
वो proper बड़वानी से नही थी बड़वानी के नजदीक हि एक गॉव जिसका नाम निसरपूर है वो वहां से बस से college के लिए up - down करती थी ।
उसकी stream B.A ARTS थी और वही पर उसकी एक लड़की से मुलाकात हुई जिसका नाम शिवानी था उसका भी sub . B.A ARTS था तो कुछ हि दिनो में वो बहुत अच्छे दोस्त बन गए |
शिवानी बहुत हि ज्यादा समझदार और inteligent nd smart लड़की थी
इन दोनो की bond काफी strong हो गई थी ।
शिवानी बहुत popular थी collge में उसके निशा के अलावा भी कई सारे दोस्त थे
और वह सारे दोस्त उसको दिल से मानते भी थे क्योंकि शिवानी बहुत ही ज्यादा उसूलों की पक्की थी उसने जिसे फ्रेंड मान लिया तो मतलब मान लिया ।
और उसके पास बहुत सारे प्रपोजल्स भी आते थे लड़कों के बट वह इन सब चीजों में ध्यान नहीं देती थी
लेकिन निशा थोड़ी अलग थी वह किसी पर भी विश्वास कर लेती थी
निशा का एक crush भी था college में जिसके बारे मे शिवानी को पता चला गया था और इस वजह से उसे वो हमेशा बहुत चिड़ाति रहती थी
निशा अक्सर शिवानी से पूछती रहती थी यार तेरा कोई crush नहीं है इतने बड़े कॉलेज में 'तुझे कोई पसंद नहीं आया
तो फिर शिवानी कहती थी तुझे आसपास दिखाई नही देता क्या ' यहां मेरा कोई crush नही ' पर मैं यहां बहुत से लोगों की क्रश हूं यह तुझे भी तो पता है ।
फिर एक दिन शिवानी थोड़ा जल्दी college आ जाती है और वो फिर अपनी frend निशा का वेट कर रही होती है और इंतजार करते करते हैं वह पार्किंग में चली जाती है और वहां पर देखती हैं कि निशा किसी लड़के के साथ बाइक पर आ रही है और उसे वह लड़का पार्किंग तक छोड़ने भी आया ।
तभी निशा शिवानी को देख लेती है और शिवानी निशा की तरफ हि आ रही होती है और उस से पूछती है ये कौन सा फ्रेंड है तूने तो मुझे कभी इसके बारे में बताया नहीं मतलब मुझसे बहुत सारी बात छुपाने लगी है तू ।
फिर निशा कहती है अरे ऐसा कुछ नही है वो तो मेरा स्कुल फ्रेंड है
जो मुझे स्कूल टाइम से बहुत ज्यादा पसंद करता है ।
आगे क्या हुआ होगा इस स्टोरी में यह जानने के लिए मिलते है मेरे अगले blog में।
इंसान इंसानियत के लिए बना है
इंसानियत प्यार के लिए बनी है
और प्यार इंसान के लिए बना है ।
इससे दूर मत भागिये ' हम इंसान हैं और इंसान के दिल में प्यार ना हो तो वो हैवान जैसा हो जाता है इसलिए थोड़ा सा अपने दिल में प्यार लेकर आइए थोड़े से उसमें अपने जज्बात घोलिये फिर देखना ' यह दुनिया आपको सच में कितनी ज्यादा खूबसूरत लगेगी ' इस विचार पर थोड़ा विचार भी कीजिए ।
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